Wednesday, August 4, 2010

मेरी सोच मेरी कलम से: सावन की बूंदों से

मेरी सोच मेरी कलम से: सावन की बूंदों से: "सावन की बूंदों से रिमझिम रिमझिम वर्षा से, जब तन मन भीगा जाता है, राग अलग सा आता है मन मे, और गीत नया बन जाता है। कोशिश करता कोई शब्दो..."

No comments:

Post a Comment